⚜️अवसर का लाभ⚜️
एक बार एक राजा जंगल में शिकार करने गया। जैसे ही रास्ता भटक गया, राजा के सैनिक पीछे छूट गए। राजा को प्यास लगी। तभी उसने एक लकड़हारे को देखा। राजा ने उससे पानी लिया और उसे पी लिया। तब राजा ने उससे कहा - तुम मेरे महल में आओ, मैं तुम्हें इनाम दूंगा।
कुछ दिनों के बाद लकड़हारा राजा से मिलने आया। राजा उसे देखकर बहुत खुश हुआ और राजा ने उसे चंदन के पेड़ों का एक बड़ा बगीचा उपहार में दिया। चंदन का बाग पाकर लकड़हारा बहुत खुश हुआ। अब उसे लगने लगा था कि जिंदगी आराम से गुजर जाएगी। लेकिन लकड़हारे को चंदन का महत्व नहीं पता था। लकड़ी का कोयला बनाने के लिए लकड़हारे हर दिन एक चंदन के पेड़ को काटता था और उसे बेच देता था ताकि उसकी पूर्ति हो सके। कुछ ही दिनों में, सुंदर चंदन का बगीचा एक बंजर भूमि बन गया और कोयले से ऊँचे ढेर हो गया। बगीचे में अब बहुत कम चंदन के पेड़ रह गए थे। ये पेड़ लकड़हारे को छाया प्रदान करते थे।
एक दिन राजा उस बगीचे में आया और वहाँ के हालात देखकर हैरान रह गया। राजा ने लकड़हारे से कहा - मैंने तुम्हें चंदन का हरा-भरा बगीचा दिया और तुमने उसका क्या किया। लकड़हारे ने सारी कहानी राजा को बताई। लकड़हारे की बात सुनकर राजा ने उसे चंदन की लकड़ी का एक छोटा टुकड़ा दिया और उसे बाजार में बेचने को कहा। लकड़हारे को उस लकड़ी के अच्छे पैसे मिले। उसने जाकर राजा को यह कहानी सुनाई। राजा ने कहा - इस लकड़ी की कीमत कोयले से कई गुना ज्यादा है। राजा की बात सुनकर लकड़हारे को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लकड़हारे ने अपनी किस्मत को दोष देना शुरू कर दिया। इसके बाद लकड़हारा अपने गांव के लिए निकल गया। जीवन में किसी न किसी मोड़ पर हर किसी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाते हैं और कुछ लोग इसे नहीं पहचान पाते। इस कारण वे आगे नहीं बढ़ते।
सीख :- भाग्य के भरोसे कभी न रहें। अवसर का लाभ उठाएं।