⚜️सुनहरी कुदाल⚜️

 ⚜️सुनहरी कुदाल⚜️

          एक आदमी के दो बच्चे हुए जब वह बूढ़ा हो गया।  फिर उसने अपने दोनों पुत्रों को बुलाया और कहा, 'अब मैं बूढ़ा हो गया हूं, भगवान मुझे कभी बुलाएंगे और मैं मरने से पहले आपको कुछ बताना चाहता हूं।  पैसा ही कलह की जड़ है।  इसलिए मैं अपने सामने पैसे बांटना चाहता हूं, मेरे पास एक जादू की कुदाल है।  आप उसे जितना ज्यादा ड्राइव करेंगे, वह उतना ही ज्यादा सोना कमाएगी।  एक तरफ फावड़ा और दूसरी तरफ सारा दौलत, तुम कहते हो कौन क्या लेगा?  बड़े लड़के ने सोचा कि अगर कोई कुदाल चुरा ले तो हमारा कुछ नहीं होगा।  इसलिए धन लेना चाहिए।  छोटे लड़के ने सोचा कि सोना खोदने वाली फावड़ा हमेशा उठानी चाहिए।  इस प्रकार बड़े पुत्र ने धन और छोटे पुत्र ने कुदाल ले ली।  पिता हरिद्वार के लिए रवाना हो गए।  जैसे ही उन्होंने नियंत्रण खो दिया, बड़ा बेटा पानी की तरह पैसा खर्च करने लगा और कुछ समय बाद वह गरीब हो गया।  इधर बच्चा खेत में गया और जुताई करने लगा लेकिन उसमें से केवल मिट्टी निकली।  सोना नहीं, उसने सोचा कि पिता ने उससे झूठ क्यों बोला? तब उसकी आत्मा ने कहा, "नहीं, पिता झूठ नहीं बोल सकता।"  एक दिन कुदाल से अवश्य सोना निकलेगा और हम धनवान बनेंगे।  उसने खेत में एक फसल लगाई और उसमें भरपूर फसल हुई।  गांव में सबसे ज्यादा फसल उसके खेतों में होती थी।  इस प्रकार कुदाल से वास्तव में सोना निकला और वह धनी हो गया।
 सीख:- समृद्धि की असली कुंजी कड़ी मेहनत में निहित है।  मेहनत करने वाले के घर में सुख-समृद्धि जरूर आती है।