एक अंधे की सफलता की
एक गांव में राहुल नाम का एक लड़का रहता था जो जीवन में
हार मान चुका था| वह
life में
जो कुछ भी करता था, उसको
अपनी हार पहले से ही नजर आती थी|
स्कूल में अध्यापक और अन्य विद्यार्थी भी उसकी मजाक
उड़ाते थे| वह
अंधेरे कमरे में अक्सर रोता रहता था|
एक दिन उसकी सिसकती हुई आवाज को सुनकर एक अंधा आदमी उसके
पास आया और पूछा, ‘तुम
क्यों रो रहे हो’|
जीवन में जीत और हार आपकी सोच पर ही निर्भर करती है,
मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत है|
आदमी की बात को
सुनकर राहुल ने पूछा आप की कहानी से मेरा क्या वास्ता?
वह आदमी बोला, जैसे आज लोग तुम्हारी हंसी उड़ाते हैं, वैसे
ही जिंदगी भर लोगों ने मेरी भी निंदा की, मेरा भी मजाक उड़ाया| लेकिन मैंने खुद को कभी कमजोर
नहीं समझा| जब
दुनिया मुझे नीची नजरों से देखती थी और यह कहती थी कि तुम जिंदगी में कुछ नहीं कर
सकते| तब
मैं उनकी आंखों में आंखें डाल कर बोलता था कि मैं कुछ भी कर सकता हूं| जैसे
मैंने इतना सब कुछ किया वैसे ही तुम भी बहुत कुछ कर सकते हो| इसलिए
हिम्मत मत हारो| दुनिया
क्या कहती है, इस
बात की परवाह मत करो|
सीख:- दुनिया आपको कैसे देखती है यह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन
आप खुद को कैसे देखते हैं,
यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।