⚜️चंदन है इस देश की माटी⚜️

⚜️चंदन है इस देश की माटी⚜️

चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है ।
 हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है || धृ ||

 हर शरीर मंदिर सा पावन, हर मानव उपकारी है । 
जहाँ सिंह बन गए खिलौने, गाय जहाँ माँ-प्यारी है 
जहाँ सबेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है ॥ १ ॥ 

जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रमनिष्ठा कल्याणी है ।
 त्याग और तपकी गाथाएँ, गाती कविकी की वाणी है । 
ज्ञान यहाँ का गंगाजल सा, निर्मल है अविराम है ||२|| 

इसके सैनिक समरभूमिमें, गाया करते गीता है 
जहाँ खेतमें हल के नीचे, खेला करती सीता है । 
जीवन का आदर्श जहाँ पर, परमेश्वर का धाम है ||३|| 


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